Hero.
Remember the struggle.You are lucky enough to to be alive.
Being the grand daughter of an Honorary Flight Lieutenant of the IAF, the Indian defence forces have always fascinated me.
Here's a small tribute to the Indian Police Service from my side, on the anniversary of the tragedy of 26/11.
“गुज़र गए दिन
यही कुछ पाँच;
नहीं, सात दिन | "
यहाँ कुछ सात दिनों से पड़ा हूँ |
कुछ समझ नहीं आ रहा हैं कि, मुझे यहाँ क्यों रखा गया है ...
मुझे इतना पता है कि,
मैं कोमा में हूँ |
बचपन से ही सोचता था की मृत्यु क्या हैं?
जब इस शरीर से आत्मा निकल कर उस रहस्मय व अदभुत आकाश की ओर जाकर मिलेगी, तब क्या वो स्वर्ग का रास्ता ढूँढ पाएगी ?
याद आता है वो दिन जब हम पुलिस मेें भर्ती होने चले थे।
याद आता है वो दिन जब हमने इस देश की रक्षा करने का वादा किया था |
अब मेरी एक ही इच्छा है दोस्तों,
काश मैं उन 160 देशवासियों की मृत्यु का बदला ले सकू |
लेकिन,
मुझे पता है,
मैं कोमा में हूँ।
हो सके तो बदला ले लेना दोस्तों...
मुझे तो मृत्यु ने बुलाया हैं।
जय हिंद।🇮🇳
Shreshtha Sengupta
Unbounded 🎆